भारत सरकार द्वारा किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से सिंचाई में आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) की शुरुआत की गई है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सौर पंप स्थापित करने के लिए 60% तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है, इसके अलावा उनको अपनी बंजर या अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की सुविधा देती है, जिससे वे डीजल और बिजली पर निर्भरता कम कर सकें और अतिरिक्त आय अर्जित कर सकें। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक का किसान होना आवश्यक है। आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, बिजली बिल, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर शामिल हैं।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना की घोषणा 2019 में की गई थी। इसका उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत सरकार किसानों को सोलर पंप लगाने में आर्थिक सहायता देती है, जिससे वे अपने खेतों की सिंचाई सौर ऊर्जा से कर सकें और बिजली या डीजल पर निर्भरता कम हो।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना को तीन मुख्य भागों में बांटा गया है:
सरकार इस योजना के तहत किसानों को 90% तक की सब्सिडी देती है। इसमें 60% केंद्र और राज्य सरकार मिलकर देती हैं, 30% का ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है, और केवल 10% राशि किसान को खुद वहन करनी होती है।
इस योजना से किसानों को कई लाभ होते हैं:
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान भारत का नागरिक होना चाहिए और उसके पास कृषि भूमि होनी चाहिए। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से की जा सकती है। किसान राज्य की ऊर्जा विभाग की वेबसाइट या pmkusum.mnre.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना किसानों के लिए आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा अवसर है। यह योजना न सिर्फ सिंचाई की लागत को कम करती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ी भूमिका निभाती है। यदि सही तरीके से लागू किया जाए, तो यह योजना भारत में कृषि क्षेत्र को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकती है।